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किरीट सवैया




किरीट सवैया


राघव माधव को समझो इक नाम अनाम सुनाम सुसज्जन।

सन्त समागम में रमते रहते उर में करते शुभ चिंतन।


राग न द्वेष कभी मन में हर जीव सहोदर सन्तति अंजन।

दुष्ट विनाशक रक्षक साधु सुसंस्कृति का करते नित मंथन।


दर्प घमंड नहीं करते प्रभु राघव माधव रावण रोधक।

कंस रहे न कभी जग में मिट जायँ सदा शुभ के अवरोधक।


दे न कुवंश कभी जगती धरती पर हों शिववंश सुपोषक।

राम बनें सब कृष्ण बनें सब राघव माधव वंश सुबोधक।



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2 Comments

Renu

23-Jan-2023 04:43 PM

👍👍🌺

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अदिति झा

21-Jan-2023 10:32 PM

Nice 👍🏼

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